» ऑनलाइन फॉर्म सहायता हेतु कॉल सेंटर नंबर :- +91 7974787729 (समय प्रातः 10 बजे से शाम 6 बजे तक),   Email : djmsbpl.info@gmail.com . » अखिल भारतीय दिगम्बर जैन युवक युवती परिचय सम्मेलन ” टोंग्या जी वाला ” दिनांक 16, 17 एवं 18 दिसम्बर 2023 कार्यालय स्थल: श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर, जवाहर चौक, टी.टी नगर, भोपाल (462003) - मध्य प्रदेश | » अधिक जानकारी के लिय संपर्क करें : +91 9993374517, 9425374384, 9425010200, 9826019837, 9300473631, 7974787729

महत्वपूर्ण निर्देष

परिचय-सम्मेलन में भाग ले रहे प्रत्याषियोंतथा अभिभावकों के लिए निर्देष
  • परिचय- अभिभावकों तथा उनके संपर्क सूत्र के रूप में दिए गए संबंधियो से अपेछा की जाती है कि परिचय सम्मलेन में अभिभावकगण एवं प्रत्याशी जियो या जूम एप पर होने वाले सम्मेलन में अवश्य पधारें व सम्मेलन के समय उपस्थित रहें | आपकी उपस्थिति से आप अन्य प्रत्याशियों एवं उनके अभिभावकों से प्रत्यक्ष प्रारंभिक परिचय कर पायेंगे |
  • हमारी मिलन पत्रिका का गहन अध्ययन करें एवं अपनी पसंद एवं प्राथमिकताओं के आधार पर चयनित प्रत्याशियों के अभिभावको से पत्र अथवा टेलीफोन पर प्रारंभिक सम्पर्क करें |
  • सम्मलेन में प्रत्याशियों द्वारा परिचय देते समय कृप्या बातचीत न करे, शांति बनाये रखे जिससे परिचय देने वाले परिचय का श्रवण ध्यान से किया जा सके |
  • प्रत्याशी क्रमानुसार स्वयं का परिचय दे तथा दूसरो का परिचय ध्यान से सुने , यदि आप किसी प्रत्याशी से संपर्क करने के इच्छुक है तो कार्यक्रम के बाद फोन या मोबाइल नंबर पर संपर्क करें |
  • प्रत्याशियों को उनके परिचय मिलन में अंकित क्रम संख्या के अनुसार ही आमंत्रित किया जायेगा | कृप्या अपना क्रम आने का इंतजार करे।
  • केवल प्रत्याशियों को ही परिचय हेतु आमंत्रित किया जाएगा, क्रमानुसार बुलाने के समय यदि प्रत्याशी किसी कारण से अनुपस्थित रहता है तो परिचय नहीं दिया जा सकता है| समय की उपलब्धता और सुविधानुसार उदघोषक उनको परिचय के लिए आमंत्रित करेंगे |
  • सभी प्रत्याशीगण पूछे जा रहे प्रश्नों का निर्भीकता पूर्वक सही उत्तर दे और अपने शिक्षित होने का परिचय देवे |
  • सम्मेलन स्थल पर या क्षेत्रीय संयोजक, मधुर कोरियर, अथवा स्पीड पोस्ट के माध्यम से स्मारिका प्राप्त कर ले |
  • स्मारिका में प्रकाशित प्रत्याशी-विवरण सत्यापन के संबंध में आपसे अपेक्षा की जाती है की संबंध तय करने से पूर्व दोनों पक्ष स्वंय अपने सम्पर्क सूत्रों के माध्यम से एक-दूसरे की सम्पूर्ण जानकारी अवश्य प्राप्त कर ले ताकि भविष्य में किसी भी अप्रिय स्थिति का सामना न करना पड़े| विवरण की सत्यता के लिए प्रत्याशी एवं अभिभावक व प्रेषक स्वंय ही पूर्ण रूप से उत्तरदायी होंगे क्योकि परिचय सम्मलेन मिलन पत्रिका स्मारिका में प्रदत्त जानकारियाँ अभिभावकों/प्रत्याशियो द्वारा दिये गए विवरण पर आधारित है | इसमें क़ानूनी या अन्य प्रकार की कोई भी जिम्मेदारी समिति की नहीं होगी |
  • स्मारिका में समाविस्त मुद्रित व प्रकाशित सम्पूर्ण जानकारी आनलाईन या प्रेषित फार्म से प्राप्त प्रत्याशी विवरणों से संकलित की गई है | समिति का भरसक प्रयास रहा है की प्रकाशन सही व त्रुटि रहित हो| फिर भी यदि कोई अप्रत्याशित त्रुटि परिलक्षित हो तो सुधिजन क्षमा प्रदान करेंगे, फिर भी अशुद्धियों के लिए आयोजन समिति उत्तरदायी नहीं है | क्षमा प्राथी अवश्य है |
  • सम्पर्क करने पर सम्बन्ध करना या नहीं करना उत्तर हाँ या नहीं में शीर्घ देवे, झुलाने /लटकाने का भाव न रखें |
  • मांग कर/ किसी बात पर अकड़न धन-सम्पत्ति लेना ही दहेज दानव है यह घोर पाप हिंसा का कारण है | इससे जीवन नहीं चलता | कृप्या दहेज रूपी दानव को समाज से मिटाने में सहयोग प्रदान करें |
  • हमारे प्रयासों को आपके उपयोग हेतु हमारी वेबसाइट www.djmsbpl.com का सतत अवलोकन कर लाभान्वित होवें |
  • पंजीयन फार्म वेबसाइट www.djmsbpl.com से डाउनलोड कर प्रेषित कर सकते है | अंतर्जातीय विवाह रोकने में सहयोग करे |
  • अखिल भारतीय दिगम्बर जैन युवक-युवती परिचय सम्मेलन, भोपाल “ टोंग्या जी वाला ” आयोजन समिति भोपाल द्वारा पूर्ण नि:स्वार्थ भाव से समाज के हित में किया जा रहा है ताकि मितव्ययता के माध्यम से सुयोग्य वर-बधुओं का मेल-मिलाप हो सके एवं धन-धनभाव के कारण कोई आंगन शहनाई की गूंज से वंचित न रहे |

अपने दायित्वो का निर्वाहन करते हुये विगत वर्षौ से लगातार देश-विदेश के सबसे बडे एवं सर्वाधिक परिणाम देने वाले प्रथम परिचय सम्मेलन का आयोजन करती आ रही है। समिति अपने समाज सेवा के उद्देश्य को पूर्ण करने की दिशा में वर्ष दर वर्ष नये-नये आयामों की संरचना करते हुए निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। इसकी सफलता इसी बात से स्पष्ट होती है कि वर्ष 2004 में परिचय पुस्तिका ‘ जैन मिलन ’ में 1204 प्रविष्टिय़ॉ सम्मलित हुई थी जिनकी संख्या लगातार बढ़ते-बढ़ते वर्ष 2014 में 5307 हो गई थी अब वर्ष 2017 में 5512, 2018 में 5525, 2019 में 5600, 2020 में 4300 , 2021 में 4860 , 2022 में 4834 प्राप्त हुई हैं। इस वर्ष 2023 में 6000 प्रविष्टिय़ॉ अनुमानित हैं। समिति के इस आयोजन ने न केवल मध्यप्रदेश में अपनी पहचान स्थापित की हैं अपितु पूरे देश-विदेश में भी निवासरत स्वजातीय बन्धुओं को अपनी ओर आकर्षित किया है। समिति को वर्ष-प्रतिवर्ष सकल जैन समाज का स्नेह एवं आर्शिवाद उत्तरोत्तर रूप से बढता ही जा रहा है यह हमारी प्रतिवर्ष बढ़ रही प्रविष्ठीयों की संख्या से भी प्रकट होता है। समिति के समस्त कार्यकर्त्ता गौरव मिश्रित हर्ष का उपभोग कर रहे हैं एवं समाज के प्रति अंतरंग हृदय से आभारी हैं।

वैसे तो आजकल पूरे प्रदेश में ही परिचय सम्मेलनों की बाढ़ आई हुई हैं किन्तु यह परिचय सम्मेलन परिणाम प्रदाता के रूप में भी प्रथम सोपान पर स्थापित हो चुका है हम एक बात ओर स्पष्ट करना चाहते है कि अन्य आयोजनकर्त्ता भी हमारे साथी हैं - प्रति़द्वन्दी नहीं। हमारे लक्ष्य समान है ‘ समाज की सेवा ’, कार्य करने का तरीका अलग-अलग हो सकता है, कार्य क्षेत्र भी प्रथक है किन्तु लक्ष्य एक है-

‘‘ हर गायक का अपना सुर है- हर सुर की अपनी मादकता,
मन मयूर को उपकृत कर दे- कभी तो इसमें सार्थकता ’’

हम एक विशेष तथ्य समाज के सामने रखना चाहते है कि इस सम्मेलन की समस्त बचत राशि निर्धन छात्रो को फीस मदद में निर्धन व्यक्तियों की चिकित्सा सहायता के रूप में व्यय की जाती है तथा भविष्य में भी हम ऐसा करने के लिए क्रत संकल्पित है। इस प्रकार आप हमें सहयोग देकर अप्रत्यक्ष रूप से ज्ञानदान, औषधि दान, का भी पुण्य प्राप्त करते है।

अब हम समाज की कुछ कडवी सच्चाइयों को आपके सामने रखना चाहते है, इस निवेदन के साथ कि आप सभी श्रेष्ठीगण इस पर विचार करें एंव इसका निदान करने का प्रयास करे -

आजकल हमारे यहां बेटा बेटियों के विवाह की आयु बढती ही जा रही है। 21-22 वर्ष की आयु के स्थान पर 28-30 वर्ष तक तो हम उनके वायोडाटा ही प्रकाशित नही करते है इसके बाद 2-3 वर्ष अच्छे चयन हेतु इंतजार करते है हम समझ नही पाते है कि सभी सम्मेलनो में मिलाकर लगभग 10000 युवक एवं 10000 युवतियो के विवरण प्रकाशित होते है। हमारी जिज्ञासा है अभिभावको से कि क्या 10-10 हजार प्रत्याशियों में कोई भी अपकी बहु-दामाद बनने हेतु उपयुक्त नहीं है । आप अपने पुत्र/पुत्रियो के विवाह को टालते रहते है उसके पीछे वास्तविक अपेक्षा क्या ? वैसे भी आपके बेटे -बेटियां


‘‘ हम अपनी बेटी को बहु बनाकर भेजेंगे तो वह,
एक परिवार का वंश चलाऐगी
और वहु लाऐंगे तो भी वंश वृध्दि होगी । ’’


‘‘ ठीक उसी प्रकार समाज की बच्चियां अन्य सम्प्रदाय मे जा रही है,
तो एक वंश समाप्त होता है, तथा समाज की वृध्दि भी रुकती है । ’’


‘‘ अतः हमें परिवार के प्रति चिंतित होकर अपने पुत्र - पुत्रियो के संबंध जैन परिवारो
मे ही सम्पन्न कर समाज और वंश वृध्दि को प्राथमिकता देवें । ’’