» ऑनलाइन फॉर्म सहायता हेतु कॉल सेंटर नंबर :- +91 7974787729 (समय प्रातः 10 बजे से शाम 6 बजे तक),   Email : djmsbpl.info@gmail.com . » अखिल भारतीय दिगम्बर जैन युवक युवती परिचय सम्मेलन ” टोंग्या जी वाला ” दिनांक 16, 17 एवं 18 दिसम्बर 2023 कार्यालय स्थल: श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर, जवाहर चौक, टी.टी नगर, भोपाल (462003) - मध्य प्रदेश | » अधिक जानकारी के लिय संपर्क करें : +91 9993374517, 9425374384, 9425010200, 9826019837, 9300473631, 7974787729

जैन बन्धुओं से अपीलु

समय पर बच्चों के संबंध करना हमारी प्राथमिकता होना चाहिये।

सोचिये हमारी दो संतान हैं। एक पुत्र.और एक पुत्री। हमने बड़ी पुत्री या पुत्र का विवाह 25-26 वर्ष की उम्र में किया तो उनके होने वाली संतान को पड़ा लिखा कर शिक्षित बनाकर अपने पैरों पर खड़ाकर दायित्व संभालने योग्य बनाया जाय यह हमारी प्राथमिकता है। इस समय तक हमारी आयु 50-60 वर्ष की आयु हो चुकी है।

हम चाहते हैं कि हमारे सामने ही हमारे बच्चों का परिवार बस जाये। दोनों के परिवार सुखी रहैं। थोड़ी बहुत ऊँच-नीच तो एक सामान्य प्रक्रिया है, जो अपने ही सम्बंधियों द्वारा हो जाती है। हम और हमारे समधी दोनों प्रसन्न रहैं। यदि हम मांग कर 2 या 4 लाख ले भी लेते तो क्या होता? हमें को्ई भी कमी नजर नहीं आयी। इसी अनुभव का लाभ आप सभी को बांटकर, एक विचारधारा का अंकुरण करना चाहता हूँ जिससे अधिक से अधिक संबंध कुशलता पूर्वक, खुशी-खुशी के माहौल में सम्पन्न हो सकें। यही मेरी आप सभी से विनय है, अपील है। मैंने स्वयं इस शुभ विचार पर कदम बढ़ाकर, आपको कदम उठाने के लिये प्रेरित करने का एक तुच्छ प्रयास किया है। यह एक अपील कर रहा हूँ, बाकी सब तो आपको ही सोचना है कि आप मेरी बात माने या न मानें।

उपसंहार : यह 100 प्रतिशत निश्चित है कि यदि लेन-देन के विचार को भूलकर सिर्फ आप यह सोच लें कि दहेज में वस्तुयें जो भी लड़की के माँ-बाप देना चाहें, उनकी भावना का आप स्वागत करें किन्तु न कद एवं स्वर्ण आभूषण के लिए उन्हें मजबूर न करें। नगद का तो परहेज ही कर लेवें, तो बाकी सभी बातें सामान्य हो जावेगी।

आप एक बेटी के बाप ही है इस अभिप्राय से सोचें, एवं व्यावहारिक प्रेम भाव बनाकर संबंध करें तो इन परिचय सम्मेलनों से आप चौगुना लाभ उठा सकते हैं। अंत में चार लाइनें इस विशय पर प्रस्तुत हैं :-

‘‘ चाहे आप लड़के के मां-बाप हों, या हों लड़की के मां-बाप,
सिर्फ इतना याद रखें कि, बच्चों का संबंध होवे अपने आप।
दोनों एक-दूसरे को पसंद कर लेवें, तो आप लगादें अपनी मुहर,
फिर देखिये खुशियाँ दौड़ेगी, सभी परिवार में होगी प्रसन्नता की लहर। ’’

लेखक
इन्जीनियर विनोद कुमार जैन
महमंत्री
अखिल भारतीय दिगम्बर जैन युवक-युवती परिचय सम्मेलन भोपाल ” टोंग्या जी वाला ”
मो. 9425374384